स्वर
और स्वर के समूह को सरगम कहते है।
इंडियन म्यूजिक में 7 सुद्ध स्वर होते हैं। जिन्हे हम जानते है -(सा ,रे ,गा ,मा ,पा ,धा
,नी ),बाकी जो 5 स्वर होते है वो कोमल और तीव्र स्वर होते हैं।
,नी ),बाकी जो 5 स्वर होते है वो कोमल और तीव्र स्वर होते हैं।
दोस्तों सरगम में सा और प् सिर्फ शुद्ध होते है पर इसमें (रे,गा,धा,नी) कोमल होते
हैं.और (मा) तीव्र होता हैं.इन्ही को मिला के क्लासिकल म्यूजिक में 12 स्वर होते है.
हैं.और (मा) तीव्र होता हैं.इन्ही को मिला के क्लासिकल म्यूजिक में 12 स्वर होते है.
राग क्या है
राग क्या है ? राग कैसी होती है ?
या अगर आप सोचते है कि राग कोई एक सुर से बनती है तो ये भी गलत है.
लेता हु.जैसे की ह्यूमन बॉडी में किसी एक पार्ट का जोड़ने से पूरी
बॉडी नही बनेगी, वैसे ही राग है, राग के कुछ नियम होते
है.आपको पता होगा की कुल 12 सुर होते है. राग में ज्यादा से
ज्यादा 7 और कम से कम 5 सुर लगते है.
राग उसको कहा जाता है जो अपनी भावना को दिखाए,राग में
गायन की सुन्दरता छुपी होती है.
अगर कहा जाये की राग को सीखने में कितना टाइम लगता है,तो
उसका उत्तर है, पूरी जिन्दगी जी हाँ सिर्फ एक राग को सीखने में
पूरी जिन्दगी लग जाती है.
सरगम क्या है
सरगम संगीत सीखने की सबसे पहली स्टेप है, हमें इसी की प्रक्टिस करनी पड़ती है अपनी आवाज
को म्यूजिक की सही दिसा में लाने के लिए. सरगम सीखना मतलब स्वर अभ्यास करना.
तो दोस्तों चलिए हम सीखते है की स्वर अभ्यास कैसे करते है –
दोस्तों सबसे जरूरी बात की स्वर अभ्यास हमेसा सुरुआत में सिंपल तरीके से करना चाहिए.
उसमे कुछ अपने मन से जोड़ना नहीं चाहिए
आप यहाँ से सुन कर जान सकते है की रिआज कैसे करे .
DOWNLOAD IT-> SWAR RIYAJ(स्वर रियाज ) -download mp3
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