CLASSICAL MUSIC












मैं अनूप INDIAN MUSICAL WORLD में आपका स्वागत करता हूँ| 

अगर आपको को CLASSICAL MUSIC पसंद है,तो 
आप बिलकुल सही जगह है|मै यहाँ पर आप को INDIAN CLASSICAL MUSIC के बारे 
में कुछ बातो से अबगत कराऊंगा|-- 
CLASSICAL MUSIC हमारे INDIA की  ही देन है| बल्कि कहा जाये तो जितने भी  संगीत है,वो सभी क्लासिकल की ही देन है,

हिंदुस्तान में क्लासिकल म्यूजिक को कई भागो में बांटा गया है,जैसे कि --
  1. हिंदुस्तानी संगीत 
  2. कर्णाटकीय  संगीत 
  3. बंगाली म्यूजिक 
  4. बिहू  असम  से 
  5. डांडिया 
  6. गणसंगीत 
  7. उत्तराखंडी संगीत 
  8. लावणी 
  9. राजस्थानी संगीत 

          

               "कोमल और तीव्र स्वर क्या है"


कोमल और तीव्र स्वर भी सरगम का महत्वपूर्ण हिस्सा है –

कोमल –कोमल स्वर वो होते है,जो सुद्ध स्वर के पहले आते है,जैसे पहले सा आता है उसके बाद सुद्ध रे आता है ,तो 'सा' के बाद और सुद्धा 'रे' के पहले जो आता है वो होगा कोमल स्वर . और उसको नीचे लाइन खीच कर दरसाया जाता है (रे ), और सरगम में (रे गा धा नी) कोमल होते है.  


तीव्र –तीव्र स्वर वो होते है,जो सुद्ध स्वर के बाद आते है,जैसे मा और जो मा के बाद आयेगा वो होगा तीव्र स्वर. सरगम में सिर्फ एक ही तीव्र स्वर होता है मा .और उसको ऐसे दर्शाते है (मे).  



NOTE-यह BLOG अभी नया है इसलिए यहाँ पर कम पोस्ट है ,लेकिन मै जल्दी ही नयी पोस्ट डाल रहा हूँ  .इसलिए कृपया नयी पोस्ट के लिए साईट में विजिट करते रहे. 


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